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वादा


पूरा कह के अधूरा छोड़ रहे हो, 
मंजिल सामने है, तो अब रास्ता मोड़ रहे हो, 
साथ निभाने का वादा किया था तुमने, 
वादा जो किया था, अब वादा क्यों तोड़ रहे हो।

दिल की बातें


कागज पर लिखकर, आज एक बात बता देंगे, 
मुझे पता नहीं है, क्यों मोहब्बत है उनसे, 
आज इस बेवजह मोहब्बत को उनसे जता देंगे, 
और मुझे परवाह नहीं है उनके हाँ या ना की, 
उनके बिना भी, हम उनके याद में पूरी ज़िन्दगी बिता देंगे।

सच


नफ़रत सरेआम हो रहे है, 
मोहब्बत करने वाले डर रहे है, 
झूठ जिन्दा है अब तक, 
सच बोलने वाले मर रहे है।

गलतफ़हमी


ज़िन्दगी में कैसी भी हालात होगी, 
अब उनसे कभी ना मुलाक़ात होगी, 
गलतफ़हमी में जी रहे थे, अब तक ये ज़िन्दगी, 
अब ज़िन्दगी की नई शुरुआत होगी।

हिन्दी मीडियम


किताबों का बोझ अपने कंधों पर उठाते है, 
जूते नहीं हम चप्पल पहनकर स्कूल जाते है, 
मास्टर जी हमें किताबों के साथ, 
ज़िन्दगी का ज्ञान भी सिखाते है, 
गलतियाँ करने पर, वो हमें कक्षा में मुर्गा भी बनाते है, 
हम थोड़े नासमझ होते है, 
लेकिन वक़्त के साथ समझदार बन जाते है, 
लोग हमें हिन्दी मीडियम वाला बुलाते है।

मिलकर

कोई अब बेवजह किसी के साथ कहाँ है, 
पहले मिलकर रहते थे हम सब, 
अब अकेले रहने में वो बात कहाँ है, 
अब तो अपने ही अपने के दुश्मन बन जाते है, 
मुश्किल वक़्त में कोई अपना साथ हो, 
अब अपनों का ऐसा जज़्बात कहाँ है ।

पता है मुझे

मैंने समझने की कोशिश बहुत की तुम्हें, 
लेकिन कभी तुम्हें समझ ना पाये, 
अब तुम मेरे साथ नहीं हो पता है मुझे, 
ख़ुद तो समझे, 
लेकिन अपने दिल को कभी समझा ना पाये ।