चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह जैसे,
हमने कई वीर जवान खोए थे
जो हर दिन अपनी जान की परवाह किये बिना,
अपने लहू से आज़ाद भारत का सपना बोए थे
अपनी धरती माँ को गुलाम देख,
इन वीर जवानों के आँखों ने भी आँसू बहाये थे
खुद के धरती पर ही,
हम उसके लिए बन गए पराये थे
इस आज़ादी के लिए कईयों माँ ने,
अपने बेटे गवाएं थे
तब जाके हम अपने आज़ाद भारत में,
अपना तिरंगा लहराए थे।
good going.
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