Labels

इंतज़ार

घंटो इंतज़ार किया करता था मैं, 
तेरे एक झलक के लिए
जैसे पंछी उड़ान भरते है, 
फ़लक के लिए
लेकिन तुने तो कभी, 
मुड़ के नहीं देखा था, 
उस इंतज़ार को
तो अब क्यों आये हो
जब इंतज़ार ही नहीं है तेरा, 
उस इंतज़ार को।

No comments:

Post a Comment

spam massage not allow