ऐसे ही नहीं मिला,
दलितों को आरक्षण
समाज में कुछ लोग,
बना के, उनको अपना गुलाम,
करना चाहते है उन पर शासन
अपना वोट बैंक बनाने के लिए,
बस चुनाव के समय ही,
नेता देते है उनके लिए,
अच्छे-अच्छे भाषण
कथित तौर पर कुछ बड़े लोगों के,
इशारों पर ही काम करते है,
हमारे समाज के नेता और प्रशासन
एक जैसा होकर भी,
नीचा कहे जाने पर,
हमेशा दुखी रहता है उनका मन
ऐसे ही नहीं मिला,
दलितों को आरक्षण।
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