Labels

तरसना है

मुझे नहीं बनना है, 
बन लो तुम ही, 
इस समाज के नज़र में अच्छा
मुझे तो ख़ुद के नज़र में, 
बनना है
लूट लो तुम बस, 
ये छोटी-छोटी वाह वाही
क्योंकि मेरे जितने के लिए तो, 
तुम्हें बस तरसना है।

No comments:

Post a Comment

spam massage not allow