हर रोज़ मुश्किलें,
लाती है आँधी
दूर करू मुश्किलों को,
जैसे मैं गांधी
अपने शब्दों से लाता हूँ,
मैं हर रोज़ क्रांति
शांति
बहुत हल्ला गुल्ला,
यहाँ पर रहने दे शांति
उसके पीछे काहे भागता है,
जब वो तेरी बाते नहीं मानती
मांगती
अपने काम पर ध्यान दे,
तू हो जा सफल
तब इसके जैसियां,
लाइन में लग कर,
तेरा नंबर है मांगती।
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