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परछाई है

गीता पर हाथ रख के बोलो, 
तो सच्चाई है
कैमरे के सामने बस, 
यहाँ होती अच्छाई है
आज कहना है सब, 
जो बातें मेरे दिमाग में आई है
मेरी कलम ही, मेरे दर्द की दवाई है
तेरे साथ कोई नहीं, 
तेरे साथ जो है वो बस, 
तेरी परछाई है ।

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