किताबों का बोझ अपने कंधों पर उठाते है,
जूते नहीं हम चप्पल पहनकर स्कूल जाते है,
मास्टर जी हमें किताबों के साथ,
ज़िन्दगी का ज्ञान भी सिखाते है,
गलतियाँ करने पर, वो हमें कक्षा में मुर्गा भी बनाते है,
हम थोड़े नासमझ होते है,
लेकिन वक़्त के साथ समझदार बन जाते है,
लोग हमें हिन्दी मीडियम वाला बुलाते है।
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