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मिलकर

कोई अब बेवजह किसी के साथ कहाँ है, 
पहले मिलकर रहते थे हम सब, 
अब अकेले रहने में वो बात कहाँ है, 
अब तो अपने ही अपने के दुश्मन बन जाते है, 
मुश्किल वक़्त में कोई अपना साथ हो, 
अब अपनों का ऐसा जज़्बात कहाँ है ।

पता है मुझे

मैंने समझने की कोशिश बहुत की तुम्हें, 
लेकिन कभी तुम्हें समझ ना पाये, 
अब तुम मेरे साथ नहीं हो पता है मुझे, 
ख़ुद तो समझे, 
लेकिन अपने दिल को कभी समझा ना पाये ।

बेगुनाह

कुछ चीज़ो को हम, 
बिना जाने ही, 
गलत बता देते है
जैसे सच्चाई जानकर भी, 
बेगुनाह को सजा देते है |

नहीं था

उन्हें गम के बारे में, 
पता नहीं था
जब तक गम, 
उनके हिस्से में नहीं था
दूसरों के दर्द पर, 
हँसी आती थी उन्हें
जब तक दर्द का एहसास, 
उन्हें नहीं था
आज रोते है वो,
उन्हें याद कर के
जिनका कदर उन्हें, 
कभी नहीं था।

पता है

अब किसी मोड़ पर, 
मेरा इंतज़ार मत करना
अगर मुझसे प्यार हो भी, 
तो अब इज़हार मत करना
पता है, कि चीजें तोड़ना, 
आदत में है तुम्हारे
लेकिन ये कोशिश, 
बार बार मत करना।

बस इतना बता दो

तुम्हें तुम्हारी गलतियों को बताना, 
गलत था क्या
तुम्हें अपना समझना, 
गलत था क्या
हम दूर हो जायेंगे, 
तुम्हारे ज़िन्दगी के हर एक लम्हे से
बस इतना बता दो
अपनों को अपना समझना, 
गलत था क्या।

तुम साथ हो

तुम्हारे चेहरे की मुस्कान ही, 
मेरे दिल की धड़कन की आवाज है, 
तुम साथ हो,
तो सब कुछ मेरे पास है, 
तुम्हारे बिना अधूरी है मेरी ज़िन्दगी, 
क्योंकि तुम्हारा साथ ही
मेरे लिए सबसे खास है।

करते हो ना

आज भी उसका DP और last seen, 
चेक करते हो ना
आज भी उसके message का,
इंतज़ार करते हो ना
उसके और ख़ुद का नाम, 
आज भी साथ लिखते हो ना
कहते हो उसे भूल गया
लेकिन आज भी उससे, 
प्यार करते हो ना।

तुम्हारे बिना भी

उसके होने या होने से, 
शायद अब तुम्हें, 
कोई फर्क नहीं पड़ता होगा
अब तो तुम दोनों को मिले भी, 
एक लम्बा अरसा होगा
फिर भी वो तुम्हारा, 
आज भी घंटो इन्तज़ार करता होगा
मैंने देखा है तुम्हारे लिए, 
उसका पागलपन
वो तुम्हारे बिना भी, 
तुम्हीं पर मरता होगा।

सच्चा प्यार

सच्चा प्यार करना , 
सब के बस की बात नहीं होती है
सभी को सच्चा प्यार मिले, 
ऐसा सभी की औकात नहीं होती है।

हर खुशी

तुम्हारी हर आहट को, 
पहचान लेता हूँ
तुम बताओ या ना बताओ, 
तुम्हारे चेहरे के पीछे छिपे, 
हर गम को जान लेता हूँ
तुम साथ नहीं हो, 
फिर भी अपनी हर खुशी ,
तुम्हारे साथ बाँट लेता हूँ।

क्यों

हमे बेइंतहा मोहब्बत, 
जो हमें नहीं चाहता है, 
उसी से क्यों होता है
जो कभी हमारे मैसेज का, 
रिप्लाई नहीं करता है
फिर भी हमें उसी के मैसेज का, 
इन्तज़ार क्यों रहता है
जो हमारे बारे में कभी नहीं सोचता है
फिर भी उसी के बारे में हमेशा, 
हमारा दिल और दिमाग क्यों सोचता है
जिसके दिल में हमारे लिए, 
कोई जगह नहीं होता है
फिर भी उसी के लिए, 
हमारा दिल क्यों धड़कता है
हमे बेइंतहा मोहब्बत, 
जो हमें नहीं चाहता है, 
उसी से क्यों होता है।

हमने

बिना जाने ही, 
एक दूसरे को,
जान लिया था हमने
नज़रों ही नज़र में, 
एक दूसरे को, 
पहचान लिया था हमने
याद है मुझे,
जब एक दूसरे का हाथ
थाम लिया था हमने
हम एक तो नहीं हो पाए
लेकिन एक दूसरे को
अपना मान लिया था हमने।

तरसना है

मुझे नहीं बनना है, 
बन लो तुम ही, 
इस समाज के नज़र में अच्छा
मुझे तो ख़ुद के नज़र में, 
बनना है
लूट लो तुम बस, 
ये छोटी-छोटी वाह वाही
क्योंकि मेरे जितने के लिए तो, 
तुम्हें बस तरसना है।

मेरा दिल

कोई चाहे लाख बुरा कहे, 
कोई फर्क नहीं पड़ता
बहुत लोग आये और गये ज़िन्दगी में, 
तुम्हारे सिवा दिल में, 
कोई और नहीं रहता
मेरी आखरी सासँ पर भी, 
तुम्हारा ही नाम लिखा होगा
तुम्हारे सिवा मेरा दिल, 
किसी और से प्यार नहीं करता।

बारात लगा देंगे

ज़िन्दगी में हालात कैसे भी आये
जो मुश्किल में साथ थे, 
उनका साथ, 
हम पूरी ज़िन्दगी निभा देंगे
और आज कुछ लोगों को, 
जरूरत नहीं है मुझसे
तो सुन लो, 
आने वाले दिनों में, 
तुम जैसो की अपने पीछे, 
बारात लगा देंगे।

दिल से निभाते है

तुम्हारी तरह, 
बस फायदे देख कर, 
हम रिश्ते नहीं निभाते है
आज किसी और के तो कल, 
किसी और के, 
हम नहीं बन जाते है
हैसियत देख कर रिश्ता बनाना, 
हमें नहीं आता है
रिश्ता हम भी बनाते है, 
लेकिन रिश्ता, दिल से निभाते है।

अपना रास्ता

मेरे ख्वाब क्या होने चाहिए, 
ये तुम मुझे बताना नहीं
ये झूठा अपनापन, 
तुम मुझसे जताना नहीं
कि अपना रास्ता हम ख़ुद बनाएंगे
तुम मुझे रास्ता दिखाना नहीं।

बराबर का सम्मान

बहुत झेला है इन्होंने, 
ख़ुद का बेवजह अपमान
इनकी ताकत से, 
अभी है हम अनजान
इनके कद के आगे, 
छोटा पड़ जायेगा आसमान
केवल बेटों को ही क्यों, 
बेटियों को भी दो, 
बराबर का सम्मान
केवल बेटे ही नहीं, 
बेटियाँ भी करती है, 
अपने माँ-बाप का ऊँचा नाम।

मुझे नहीं आता है

दूसरे और दूसरे के चीजों को, 
अपना बता, 
ख़ुद को बड़ा समझना, 
मुझे नहीं आता है
अपनों के बुरे वक़्त में, 
उनसे दूर हो जाना, 
मुझे नहीं आता है
और वो मुझे बेवकूफ समझते है, 
तो समझे, 
किसी को रुला कर हँसना, 
मुझे नहीं आता है।